प्रयागराज में कितनी नदियों का संगम होता है, जाने कौन-सी है सबसे लंबी नदी?

महाकुंभ का आयोजन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से शुरू हुआ था, जो 26 फरवरी को समाप्त होगा ।

संगम मे पवित्र स्नान

देश और दुनिया से लाखो-करोड़ों की सांख्य में श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करने पहुंच रहे हैं।

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कितनी नदियों का संगम होता है।

कितनी नदियों का संगम।

प्रयागराज में गंगा, यमुना और गुप्त सरस्वती का संगम होता है। संगम स्थल को त्रिवेणी भी कहा जाता है।

त्रिवेणी संगम

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गंगा और यमुना को प्रयाग में मिलते हुए सब देखते हैं, लेकिन सरस्वती नदी को लेकर काई तरह की मान्यता है।

सरस्वती नदी को लेकर मान्यता

ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती नदी के अदृशय रूप से बहकर प्रयागराज पहुचती है और यहां गंगा और यमुना के साथ संगम करती है।

गंगा और यमुना के साथ संगम

गंगा की लम्बाई

लंबाई की बात करें तो हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी का सफर तय करती है।

यमुना की लम्बाई

वहीं, यमुना नदी की लंबाई 1376 किमी है, जो गंगा की सबसे लंबी सहायक नदी बनती है।

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